अकबर महान का जीवन परिचय , इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी ; Akbar Biography In Hindi.

 अकबर महान , मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर के पौत्र और हुमायूँ एव हमीदा बानो बेगम के पुत्र थे . भारतीय इतिहास में अकबर को मुगल साम्राज्य का सबसे महान सम्राट माना जाता है . 

अकबर महान ही एक ऐसा बादशाह था , जिसे हिंदू - मुस्लिम दोनों वर्गों का बराबर प्यार और सम्मान मिला . सम्राट अकबर का दरबार सबके लिए हर समय खुला रहता था . अकबर जैसे महान योद्धा ने 1556 ई०वी० में मात्र 13 वर्ष की आयु में हुमायूँ के उत्तराधिकारी का पदभार ग्रहण किया . अकबर महान ने उत्तर , पश्चिमी और पूर्वी राज्य खासकर पंजाब , दिल्ली , आगरा , राजपूताना , गुजरात , बंगाल , काबुल , बलूचिस्तान, कंधार व उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों में अपनी जीत का परचम लहराया .


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अकबर महान का जीवन परिचय , इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी ; Akbar Biography In Hindi.

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जीवन परिचय संक्षेप में -

वास्तविक नाम = जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर .

प्रसिद्ध नाम     = अकबर महान.

जन्म              = 15 अक्टूबर 1542 .

स्थान             = उमरकोट किला , सिंध .

पिता             = हुमायूँ .

माता            = हमीदा बानो बेगम .

पत्नी            = रानी जोधा बाई ( हरका बाई राजपूत ) , सलीमा सुल्तान बेगम आदि .

पुत्र              = जहांगीर .

शासन काल  = 27 जनवरी 1556 - 27 अक्टूबर 1605 .

मृत्यु             = 27 अक्टूबर 1605 .

स्थान            = फतेहपुर सीकरी , आगरा .

बादशाह अकबर का जन्म , बचपन और राज्याभिषेक -

अकबर महान का जन्म उमेर कोट , सिंध के शासक राणा अमरसाल के महल में 15 अक्टूबर 1542 को हुआ था . इस किले में वे राज्य के बादशाह हुमायूँ अपनी पत्नी बेगम हमीदा बानो के साथ निर्वासन के दौरान शरण लिये हुए थे .

अकबर की वहा के राजकुमार राम सिंह प्रथम , से गहरी मित्रता हो गयी , राम सिंह आगे चलकर रीवां के राजकुमार बने . ये एक साथ ही पले और बढ़े और अजीवन मित्र रहे .

अकबर महान पढ़ लिख नहीं सके , वह केवल सैन्य शिक्षा ही ले सका . अकबर महान का काफी समय दौड़ व कुश्ती आदि में बीता , तथा उनकी शिक्षा में रूचि नहीं रही .

हुमायूँ की अचानक मृत्यु के बाद अकबर महान का राज्याभिषेक मात्र 13 वर्ष की आयु में 14 फरवरी 1556 में किया गया . राज्याभिषेक के दो दिन बाद 16 फरवरी 1556 को अकबर को राजा घोषित कर दिया गया .

" वयस्क होने तक अकबर का राज्य हुमायूँ के विश्वासपात्र बैरम खां के संरक्षण में ही चला ."

अकबर महान का राज्य विस्तार - 

अकबर महान के राज्याभिषेक के समय मुगल राज्य केवल काबुल से दिल्ली तक ही सीमित था . इसके साथ ही अनेक चुनौतियां भी थी , जिसमें 1563 में शमसुद्दीन अतका खान की हत्या के बाद उभरा जनआक्रोश , 1564  - 65 के बीच उज़बेक विद्रोह और 1566 - 67 में मिर्जा भाइयों का विद्रोह भी था . किंतु अकबर ने अपनी कुशलता का परिचय देते हुए इन समस्याओं को बड़ी समझरी के साथ कुचल दिया.

1566 में महाम अंका नामक उसके द्वारा बनवाये गए शिक्षा संस्थान से शहर लौटते हुए अकबर पर तीर से एक जानलेवा हमला हुआ , जिसे अकबर महान ने अपनी फुर्ती से बचा लिया. हालांकि उसकी बांह में गहरा घाव हुआ . इस घटना के बाद उसने शासन की पूर्ण बागडोर अपने हाथ में ले ली .

अकबर महान अपने शासन के अरंभिक काल में ही समझ गया था कि सूरी वंश को समाप्त किया बिना वह चैन से शासन नहीं कर सकता . इसलिए वह सूरी वंश के सबसे शक्तिशाली शासक सिकंदर शाह सूरी पर आक्रमण करने के लिए पंजाब चल दिया .

दिल्ली का शासन उसने मुगल सेनापति तारदी बैग खान को सौंप दिया . सिकंदर शाह सूरी अकबर के लिए बहुत बड़ा प्रतिरोध साबित नहीं हुआ  जैसा अकबर समझ रहा था . कुछ राज्यों में तो अकबर के पहुंचने से पहले ही सिकंदर शाह सूरी की सेना पीछे हट जाती थी .

अकबर की गैरमौजूदगी में एक बड़ी घटना दिल्ली में घटी  जब हेमू विक्रमादित्य ने छल कपट से दिल्ली और आगरा पर आक्रमण कर विजय प्राप्त की और 6 अक्टूबर 1556 को हेमू ने स्वयं को भारत का राजा घोषित कर दिया .

सत्ता वापसी के लिए पानीपत का द्वितीय युद्ध -

अकबर को जब दिल्ली की पराजय का समाचार मिला तो उसने तुरंत ही बैरम खान से परामर्श कर दिल्ली की तरह कूच करने का इरादा बनाया .

हेमू के पास एक विशाल सेना थी जिसमें 1500 हाथी भी थे . इस युद्ध में अकबर महान की सेना हेमू के मुकाबले काफी छोटी थी लेकिन कुशल रणनीति के साथ यह युद्ध अकबर और हेमू की विशाल सेना के बच लड़ा गया .

यह युद्ध पानीपत के द्वितीय युद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुआ . जिसमें अकबर की कुशल रणनीति के हेमू की विशाल सेना को पराजित कर दिया और छल कपट से हासिल की गई सत्ता एक बार फिर अकबर महान के हाथों में थी . यह युद्ध एक निर्णयक युद्ध साबित हुआ और अगले 300 सालों तक दिल्ली पर मुगलों का साम्राज्य रहा .

अकबर महान का राज्य विस्तार -

दिल्ली पर सत्ता वापसी के बाद अकबर ने अपने राज्य का विस्तार करना प्रारम्भ किया . जिसके तहत मालवा 1562 , 1576 मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के साथ हल्दीघाटी का युद्ध हुआ ,जिसमें महाराणा प्रताप ने भाग कर अपनी जान बचाई .गुजरात 1572 , बंगाल 1574 , काबुल 1581 , कश्मीर 1586 और खानदेश को 1691 में मुगल साम्राज्य के अधीन कर लिया . अकबर ने इन राज्यों में एक एक राज्यपाल नियुक्त किया . अकबर यह नहीं चाहता था कि मुगल साम्राज्य का केंद्र दिल्ली जैसे दूरस्थ शहर में हो ; इसलिए उसने यह निर्णय लिया की मुगल राजधानी को फतेहपुर सीकरी ले जाया जाए जो मुगल साम्राज्य के मध्य में थी . कुछ समय के बाद अकबर को राजधानी फतेहपुर सीकरी से हटानी पड़ी . कहा जाता है कि पानी की कमी इसका मुख्य कारण थी . सन 1599 में वापस आगरा को राजधानी बनाया और अंत तक यही से शासन संभाला .

मुगल सम्राट अकबर महान की मृत्यु -

अकबर दक्षिण भारत में दक्कन के भाग को छोड़कर लगभग समस्त भारत पर विजय प्राप्त की थी . 1585 में उसके सबसे करीबी सहायक बीरबल की अफगान विद्रोह के दौरान मृत्यु हो गई . 1595 में अकबर के कवि दोस्त फैजी की मृत्यु हो गई . जब अकबर दक्कन के अभियान में व्यस्त था उसी समय उसके पुत्र जहांगीर ने उत्तर भारत में विद्रोह कर दिया और अकबर के सबसे प्रिय और नवरत्नों में से एक अबुल फजल की हत्या करवा दी . इन सब घटनाओं के बाद अकबर महान के दिल को गहरा सदमा लगा और उसके बाद उसका स्वास्थ्य दिन-ब-दिन गिरता चला गया और मुगल काल के सबसे महान शासक की 29 अक्टूबर 1605 ई०वी० में मृत्यु हो गई .

याद रखने योग्य महत्वपूर्ण जानकारी -

1 - अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 में अमरकोट के राजा अमरशाल के महल में हुआ था .

2- अकबर के पिता का नाम हुमायूँ और माता हमीदा बानू बेगम था .

3 - अकबर महान का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 को हुआ .

4 - राज्याभिषेक के समय अकबर की उम्र 13वर्ष थी .

5 - पानीपत की दूसरी लड़ाई 5 नम्बर 1556 में हेमू और अकबर के बीच हुई और इस युद्ध में अकबर विजय रहा .

6 - बुलंद दरवाजे का निर्माण अकबर ने गुजरात विजय के उपलब्ध में करवाया था .

7 - 1571 में अकबर द्वारा फतेहपुर सीकरी नगर की स्थापना की .

8 - फतेहपुर सीकरी के इवादत खाना की स्थापना 1575 में अकबर महान ने की .

9 - अकबर महान के सेनापति का नाम मान सिंह था .

10 - 1582 में अकबर ने दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की .

11 - हल्दीघाटी का प्रसिद्ध युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और अकबर महान के बीच हुआ जिसमे अकबर को जीत हासिल हुई और महाराणा प्रताप को जान बचाकर भागना पड़ा .

12 - अकबर महान के दरबार के नौरत्न 1 - बीरबल 2- अबुल फजल 3- टोडरमल 4- तानसेन 5- सेनापति मानसिंह 6 - अब्दुल रहीम खानखाना 7 - मुल्ला दो प्याजा 8 - हकीम हुकाम 9 - फैजी .

13 - अबुल फजल ने अकबर नामा ग्रंथ की रचना की थी .

अकबर महान द्वारा जीते गए राज्य -

सन  =               राज्य =              शासक .

1561                     मालवा                    बाज बहादुर.

1562                     चुनार                      अफगानों का शासन .

1562                     आमेर                     भारमल.

1562                     मेड़ता                    जयमल.

1564                     गोंडवाना                वीर नारायण और दुर्गवती.

1569                    कालिंजर                 रामचंद्र .

1570                    मारबाड़                  राव चंद्रसेन .

1570                    जैसलमेर                 रावल हरिराव.

1570                    बीकानेर                  कल्याणमल.

1571                    गुजरात                   मजफ्फर खान .

11571-74            विहार ,बंगाल           दाऊद खान.

1576                   रणथभौर                  सूरज नहाड़ा.

1576                   मेवाड़                     महाराणा प्रताप.

1581                   काबुल                     हकीम मिर्जा .

1586                   कश्मीर                युसुफ ,याकुब खान.

1590                   उड़ीसा                  निसार खान.

1591                   सिंध                    जानीबेग.

1595                   ब्लूचिस्तान            पक्की अफगान.

1595                  कंधार                    मुज्जफर  हुसैन.

अकबर महान का जीवन परिचय लिखने में पूरी तरह से सावधानी बरती गई है फिर भी तारीखों का मिलान कर लें .

इन्हें भी पढ़े -

मुगल बादशाह बाबर का जीवन परिचय, आगमन और युद्ध ; Mughal Emperor Babur Biography In Hindi.     

मुगल बादशाह हुमायूँ का जीवन परिचय और इतिहास ; Humayun Biography & History .

Jodha Akbar biography ; जोधा अकबर का जीवन परिचय .

पृथ्वीराज चौहान के पानीपत युद्ध हारने के बाद " संयोगिता " का किया हुआ था .

       

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