Jodha Akbar biography ; जोधा अकबर का जीवन परिचय .
रानी जोधा ( जोधा अकबर ) एक राजपूतानी कन्या थी . जिन्हें हरका बाई के नाम से भी जाना जाता है . रानी जोधा के पिता का नाम महाराजा भारमल राजपूत तथा माता का नाम भानवती साहिबा राजपूत था . सम्राट अकबर से विवाह के बाद रानी जोधा , मल्लिका-ऐ -हिंदुस्तान बनी .
जीवन परिचय -
नाम - हरका बाई , रानी जोधा ,जोधा अकबर.
जन्म - 1542 .
स्थान - आमेर .
पिता - महाराजा भारमल राजपूत .
माता - भानवती साहिबा राजपूत .
मृत्यु (संभावित) - 19 मई 1623 (आगरा ) .
जोधा अकबर -
जोधा अकबर, सम्राट अकबर की तीसरी पत्नी थी . जोधा अकबर आमेर के राजा भारमल की सबसे बड़ी पुत्री थी .तथा सम्राट अकबर के सेनापति मानसिंह की रिश्ते में चाची लगती थी . सम्राट अकबर से उनका विवाह 1562 ईस्वी में हुआ था . जोधा अकबर ,सम्राट अकबर की पहली राजपूत पत्नी थी .
सम्राट अकबर ने भारत के राजपूत राजाओं को अपने अधीन करने के लिए कुछ रणनीति बनाई जिसमें युद्ध और समझौता शामिल था . अकबर के पास विशाल सैन्य बल था जिससे वे आसानी से विरासतों पर अपना परचम फहरा सकता था .लेकिन इन सब में बहुत सारा खून बहता था जो कि कई मायनों में अकबर को पसंद नहीं था इसलिए उसने समझौते की नीति को अपनाया ,जिसके तहत वो राजपूत राजा की बेटियों से विवाह कर सम्मान के साथ उनसे रिश्ते बनाकर उन राज्योंं को बिना जनहानि के अपने आधीन कर लेते थे .
सम्राट अकबर के भारत विस्तार में सबसे बड़े शत्रु राजपूत राजा .
अकबर के सबसे बड़े शत्रु राजपूत थे जिन्हें वो इन दोनों नीतियों में से किसी भी तरह से अपने आधीन करते थे . जब सम्राट अकबर का युद्ध राजा भारमल से हुआ तब उसने उनके साथ उनके तीनों बेटों को भी बंदी बना लिया .तब राजा भारमल ने सम्राट अकबर के सामने समझौते के लिए हाथ बढ़ाया और इस तरह राजा भारमल की बेटी रानी जोधा का विवाह सम्राट अकबर के साथ किया .
आमेर के राजा विशेष रूप से मुगलों के साथ घनिष्ठ सहयोग से मुगल लाभान्वित हुए ,और अपार धन और शक्ति प्राप्त की . मनसबदारों की सूची में सताईस राजपूतों में से ,तेरह आमेर कबीले के थे और उनमे से कुछ शाही राजकुमारोंं के पदों तक पहुंचे . उदाहरण के लिए राजा भगवान दास 5000 घुड़सवारों के सूबेदार बने ,जो उस समय सर्वोच्च पद था और गर्व का शीर्षक अमीरुल -उमरा था . उनका बेटा मानसिंह प्रथम 7000घुड़सवारों के सूबेदार बनने के साथ अकबर के सेनापति भी थे .
रानी जोधा सम्राट अकबर की तीसरी पत्नी और उनकी प्रमुख तीन मलिकाओं में से एक थी . सम्राट अकबर की पहली मलिका रुकाइया बेगम नि:संतान थी और उनकी दूसरी पत्नी सलीमा सुल्तान उसके सबसे भरोसेमंद सिपहसालार बैरमखान की विधवा थी .
सम्राट अकबर के रानी जोधा के साथ विवाह से उनकी धार्मिक और सामाजिक नीति में एक क्रमिक बदलाव आया . उन्हें आधुनिक भारतीय इतिहास लेखन में अकबर और मुगल के धार्मिक मतभेदों को सहज करने और बहु-जातीय और बहु - संप्रदाय के विस्तार के भीतर उनकी समावेशी नीतियों के प्रति सहिणुता के रुप में माना जाता है . परम्परा के अनुसार विवाह के बाद रानी जोधा को मुगल धर्म अपनाना था लेकिन अकबर ने रानी जोधा को इस बात के लिए कभी जोर नही दिया . इसके अलावा अकबर का बचपन हिन्दू परिवार के साथ बिता . जंग के दिनों में सम्राट अकबर के पिता हुमायु को कई दिनों तक अज्ञातवास में बिताना पड़ा जिस कारण इन्हें हिन्दू परिवार के साथ रहना पड़ा जिस कारण भी सम्राट अकबर के मन में हिन्दू संस्कृति के लिये आदर था . अकबर के इसी व्यवहार के कारण जोधा अकबर के मन में अकबर के लिएप्रेम का भाव जागा और उन्होंने अकबर को हिन्दू संस्कृति से अकबर का परिचय करवाया .शायद यही कारण था कि सम्राट अकबर दोनोंं धर्मो में प्रिय शासक बने . सम्राट अकबर की कई बेगम होने पर भी अकबर का मन जोधा से ज्यादा जुड़ा जिसका कारण जोधा का निडर व्यवहार था जो अकबर को बहुत पसंद था .इसी वजह से रानी जोधा सम्राट अकबर से विवाह के बाद मल्लिका -ऐ-हिंदुस्तान बनी .
जोधा अकबर ने सम्राट अकबर के वंश को आगे बढ़या .
जोधा अकबर के गर्भ से मुगल साम्राज्य के उत्तराधिकारी सलीम (जहांंगीर ) का जन्म होने के बाद अकबर की पत्नियोंं में रानी जोधा का स्थान सर्वोच्च हो गया और उन्हें " मरियम -उज-जमानी " की उपाधि मिली .
अकबर ने फतेहपुर सीकरी में जोधा अकबर का एक महल बनवाया था .जोधा अकबर अपने बड़े बेटे सलीम के अत्याचारोंं से काफी दु:खी हो गई थी .जब सलीम ने अपने पिता सम्राट अकबर से बगावत कर दी , तो जोधा अकबर सदमे में चली गई और बीमार रहने लगी , (इतिहासकारों के अनुसार ) इसी वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ा एंव उनकी मौत 19 मई 1663 में आगरा में ही हो गई. तत्पश्चात सलीम ने जोधा अकबर के शव को अकबर कीकब्र के नजदीक दफन कर दिया था .
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