शूरवीर महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, युद्ध और इतिहास.

 शूरवीर महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में अमर है. महाराणा प्रताप एक ऐसे अमर योद्धा हैं जिन्होंने मुगल बादशाह अकबर महान की अधीनता स्वीकार नहीं कि और अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए . 

महाराणा प्रताप ने कई सालों तक मुगल बादशाह अकबर की सेना के साथ संघर्ष किया और कई बार युद्ध में मुगल सेना को पराजित भी किया .

शूरवीर महाराणा प्रताप का जीवन परिचय, युद्ध और इतिहास.



जीवन परिचय संक्षेप में -

वास्तविक नाम = महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया.

प्रसिद्ध नाम     = महाराणा प्रताप सिंह.

जन्म              = 9 मई 1540 .

पिता              = राणा उदय सिंह.

माता              = जयवंता बाई .

राज्याभिषेक   = फरवरी 28 , 1572.

पत्नी             = अजबदे पंवार सहित कुल 11 .

पुत्र               = अमर सिंह प्रथम, भगवान दास सहित कुल 17 .

हल्दीघाटी का युद्ध = 18 जून , 1576.

मृत्यु             = 19 जनवरी 1597.

जीवन परिचय -

महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था . इनके पिता का नाम राणा उदय सिंह तथा माता का नाम जयवंता बाई था .

महाराणा प्रताप को बचपन से ही तलवार और ढाल की शिक्षा दी जाने लगी, इनके पिता इन्हें अस्त्र शस्त्र का ज्ञान सिखाते  थे और बचपन में ही इनको तलवार में निपुणता हासिल करवा दी . इसके बाद इनके पिता राणा उदय सिंह ने इनकी शिक्षा के लिए इन्हें गुरू राघवेंद्र के पास भेज दिया, राघवेंद्र ने पूर्ण रूप से सारी अस्त्र शस्त्र की शिक्षाएं प्रदान की और एक कुशल योद्धा बनाया .

महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक  -

महाराणा प्रताप के पिता राणा उदयसिंह की दूसरी पत्नी रानी धीरबाई जो रानी भटियाणी के नाम से जानी जाती थी . वह अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी . लेकिन जब महाराणा प्रताप मेवाड़ के उत्तराधिकारी बन गए तब राजा बनने की लालसा के कारण कुंवर जगमाल ने मुगलों से मित्रता कर ली . महाराणा प्रताप का प्रथम राज्याभिषेक  28 फरवरी 1572 को गोगुंदा में हुआ था ,  लेकिन विधि विधान  स्वरूप राणा प्रताप का राज्याभिषेक 1572 को कुभलगढ़ दुर्ग में हुआ .


मुगल सेना और महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी के युद्ध की शुरूआत -

हल्दी घाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की सेना और मुगल सेनापति मानसिंह के नेतृत्व में लड़ा गया . हल्दी घाटी अरावली पर्वतमाला का क्षेत्र है , यह पाई जाने वाली पीली मिट्टी की वजह से इसका नाम हल्दी घाटी है . लड़ाई की शुरूआत उस वक्त हुई जब मुगल बादशाह अकबर महान अपने राज्य विस्तार की योजना बना रहा था .

महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख राजाओं ने मुगल अधीनता स्वीकार कर ली थी . अपने राज्य विस्तार के रूप में अक्टूबर 1567 में चित्तौड़गढ़ की घेराबंदी की . राजपूतों को मुगल सेना ने घेर लिया . इसके बाद उदय सिंह को पद छोड़ने पर मजबूर हो गए और अपनी जिम्मेदारी मेड़ता के राजा जयमल को दी गई, जो युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुआ. इसके बाद उदय सिंह चार साल और अपनी मृत्यु तक अरावली के जंगलों में रहे. उदय सिंह की मृत्यु के बाद , उनके पुत्र महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की कमान संभली .

अकबर महान ने चार बार , चार सेनापति महाराणा प्रताप के पास भेजे कि वह अकबर महान की अधीनता स्वीकार कर ले , लेकिन महाराणा प्रताप ने अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता नहीं किया और अकबर महान को हर बार निराशा हाथ लगी .

1-   जलाल खां , 1572.

2 - मान सिंह , 1573.

3- भगवानदास, 1573.

4 -  राजा टोडर मल , 1573.

हल्दी घाटी का प्रसिद्ध युद्ध -

भारतीय इतिहास का प्रसिद्ध हल्दी घाटी युद्ध 18 जून 1576 में महाराणा प्रताप और मुगल सेना के बीच हुआ.

हल्दी घाटी युद्ध में दोनों ओर से सैन्य संख्या बल को लेकर इतिहासकारों में गहरे मतभेद है , लेकिन यह तो स्प्ष्ट है कि महाराणा प्रताप की सेना , मुगल सेना के मुकाबले काफी छोटी थी . जहां एक ओर अकबर महान भारत के विशाल भू-भाग के बादशाह थे वही महाराणा प्रताप एक छोटे से राज्य के राजा . लेकिन महाराणा प्रताप और उनकी सेना ने मुगल सेना का डटकर मुकाबला किया .

महाराणा प्रताप ने खुद को जख्मी पाया तब उनके कुछ बहादुर सैनिकों ने उन्हें समय रक्षा कवच दिया और वे पहाड़ियों में भाग कर अपनी जान बचाने में सफल रहे .
अकबर महान की इच्छा पूरी न हो सकी . उसने मेवाड़ पर शासन तो किया लेकिन महाराणा प्रताप को कभी न पकड़ सका .

महत्वपूर्ण याद रखने योग्य जानकारी -

महाराणा प्रताप का जन्म = 9 मई, 1540.

राज्याभिषेक = 28 फरवरी, 1572.

पहली पत्नी =अजबदे पंवार .

पुत्र = अमर सिंह.

पिता = राणा उदय सिंह.

माता = जयवंता बाई.

जन्म स्थान = कुभलगढ़.

हल्दी घाटी का युद्ध = 18 जून, 1576.

इन्हें भी पढ़े -






Comments

Tranding Now

चे ग्वेरा के क्रांतिकारी अनमोल विचार ; Che Guevara Thoughts In Hindi .

इक्ता प्रथा क्या है , कब और किसने शुरु की ..

दुनिया के 20 सर्वश्रेष्ठ दार्शनिकों के 40 चुनिंदा अनमोल विचार.

बेनिटो मुसोलिनी के 21 अनमोल विचार; Benito Mussolini Quotes In Hindi.

इतिहास के सबसे क्रूर राजा चंगेज खान के अनमोल विचार.

जीन - पॉल सार्त्रे के अनमोल वचन ; jean - Paul Sartre Quotes In Hindi.

जॉन स्टुअर्ट मिल के 20 अनमोल उद्धरण : John Stuart Mill 20 Uplifting Quotes In Hindi.