लीजेंड बाल गंगाधर तिलक के 15 अनमोल विचार .
Bal Gangadhar Tilak ( July 23, 1856 - August 1, 1920 ) - एक प्रसिद्ध भारतीय वकील , राष्ट्रावादी, स्वतंत्रता कार्यकर्ता, समाज सुधारक और शिक्षक थे . वह " भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के तेजतर्रार नेताओं में से एक थे . उन्होंने भारतीय चेतना को जगाया और " स्वराज्य " के सबसे प्रवल समर्थक बन गए, जिसका अर्थ है स्व - शासन.
उन्होंने मुहम्मद अली जिन्ना , लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल सहित कई नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किए.
लीजेंड बाल गंगाधर तिलक के 15 अनमोल विचार .
1 - " महान उपलब्धियां कभी आसानी से नहीं मिलती और आसानी से मिली उपलब्धियां महान नहीं होती."
Bal Gangadhar Tilak.
2 - " गर्म हवा के झोंकों में जाए बिना , कष्ट उठाये बिना , पैरों में छाले पड़े बिना स्वतंत्रता नहीं मिल सकती. बिना कष्ट के कुछ नहीं मिलता ."
Bal Gangadhar Tilak.
3 - " मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते , उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है . हमारे त्यौहार होने ही चाहिए."
Bal Gangadhar Tilak.
4 - " कर्तव्य पथ पर न तो गुलाब जल छिड़का होता है और न ही उस पर गुलाब उगते है."
Bal Gangadhar Tilak.
5 - " हमारा राष्ट्र उस वृक्ष की तरह है जिसका मूल तना स्वराज्य है और शाखाएं स्वदेशी है."
Bal Gangadhar Tilak.
6 - " भगवान आलसी व्यक्तियों के लिए अवतार नहीं लेते , वह मेहनती व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होते हैं , इसलिए कार्य करना प्रारंभ करें."
Bal Gangadhar Tilak.
7 - " आपको अपना लक्ष्य किसी जादू से प्राप्त नहीं होगा, बल्कि इसको प्राप्त करने के लिए आपको कार्य करना पड़ेगा."
Bal Gangadhar Tilak.
8 - " ये सच है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है. लेकिन ये भी सच है कि भारत के लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है."
Bal Gangadhar Tilak.
9 - " स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा."
Bal Gangadhar Tilak.
10 - " जब कर्तव्य में कठोरता और साहस की आवश्यकता होती है तो भयानक चीजों का सामना करना पड़ता है."
Bal Gangadhar Tilak.
11 - " यह प्रोविडेंस की इच्छा हो सकती है कि जिस कारण का मैं प्रतिनिधित्व करता हूँ वह मेरे मुक्त रहने की तुलना में मेरी पीड़ा से अधिक समर्द्ध हो सकता है."
Bal Gangadhar Tilak.
12 - " यदि हम किसी भी राष्ट्र के इतिहास को अतीत में देखें , तो हम अंत में मिथकों और परंपराओं के युग में आ जाते हैं, अंतत: अभेद्य अंधकार में मिट जाते है."
Bal Gangadhar Tilak.
13 - " असली भावना देश को, अपने परिवार को, केवल अपने लिए काम करने के बजाय एक साथ काम करने की है."
Bal Gangadhar Tilak.
14 - " पहला कदम है मानवता की सेवा करना और अगला कदम, ईश्वर की सेवा करना ."
Bal Gangadhar Tilak.
15 - " धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं है. सन्यास लेना जीवन का परित्याग नहीं है."
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