Nawazuddin siddiqui biography ; नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जीवन परिचय .

Nawazuddin siddiqui ( May 19 ,1974 )-

नवाजुद्दीन सिद्दीकी भारतीय फिल्म जगत का एक ऐसा नाम है जो आज किसी पहचान कि मोहताज नहीं है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे सितारे बॉलीवुड में कभी कभी ही आते हैं .जो अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों पर राज करते हैं . नवाजुद्दीन सिद्दीकी बेहतरीन अदाकार के साथ एक अच्छे इंसान भी है . नवाजुद्दीन सिद्दीकी उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो संघर्ष से घबरा कर अपना इरदा बदल देते है .

कैसे एक छोटे से गांव का पतला -दुबला लड़का जिसकी शक्ल भी हीरो बनने की नही थी . लेकिन जिसके दिल में जुनून और अपनी अदाकारी के भरोसे मुंबई आ गया . नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी अपनी दमदार अभिनय के चलते आज बॉलीवुड के चहेते अभिनेता है .

इस सफलता के लिए नवाज भूखे रहने से लेकर चौकीदार तक की नौकरी की है . तथा फिल्मों में याद ना रहने वाले छोटे से छोटा रोल भी किया है .





तो आइये पढ़ते है नवाजुद्दीन सिद्दीकी की सफलता की कहानी -
     ( Nawazuddin siddiqui success story ) .




नाम           नवाजुद्दीन सिद्दीकी .

जन्म         19 मई 1974 .

स्थान        बुढाणा, जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश .

पिता         नवाबुद्दीन सिद्दीकी .

माता         महेरुन्निसा .

भाई          शामज नवाब सिद्दीकी ,6 अन्य .

बहन         दो .

प्रारंभिक शिक्षा   बीएसएस इंटर कॉलेज बुढ़ाना ,                                           मुजफ्फरनगर    .

उच्च शिक्षा      स्नातक - गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय,                              हरिद्वार .

एक्टिंग डिग्री     नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली .

पत्नी                 अंजलि सिद्दीकी .

बच्चे                  एक बेटा ,एक बेटी शोरा .





प्रारंभिक जीवन -

बेहतरीन अदाकारी के मालिक नावजुद्दीन सिद्दीकी  का जन्म 19 मई 1974 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर जिले के बुढ़ाना में हुआ था . नावजुद्दीन सिद्दीकी बुढ़ाना की ही मिट्टी में खेलकर बढ़े हुए थे . नावजुद्दीन सिद्दीकी की प्राम्भिक शिक्षा भी बुढ़ाना गांव के ही बीएसएस इंटर कॉलेज से हुई . नावजुद्दीन सिद्दीकी एक  परिवार परिवार में पैदा हुए थे . नावजुद्दीन के अनुसार गांव वाले केवल तीन चीज जानते थे  गेहूंं ,गन्ना और गन .
नावजुद्दीन आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते थे लेकिन गांव में कोई महाविद्यालय ना होने और गांव का गांव का माहौल नौजवानों के लिए ठीक ना होने के कारण उनके परिवार ने नवाज को पढ़ाई जारी रखने के लिए, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय , हरिद्वार भेज दिया. नावजुद्दीन ने  हरिद्वार में रहकर अफनी रसायन विज्ञान की पढ़ाई जारी रखी तथा रसायन विज्ञान से स्नातक डिग्री हासिल की .
 हरिद्वार से रसायन विज्ञान में स्नातक करने के बाद उन्होंने अपनी पहली नौकरी बडोदर ,गुजरात की एक दवा कंपनी में की . नौकरी में नवाज का मन नही लगता था ,लेकिन और कोई दूसरा काम ना होने की वजह से वे चुपचाप ये नौकरी करते रहें .
इसी दौरान उनका एक गुजराती दोस्त उनको एक गुजराती नाटक दिखाने ले गया . इससे पहले नवाज ने कभी भी इस तरह के नाटक नही देखे थे . नाटक देखने के बाद नावजुद्दीन का मन मानों अंदर से कह रहा हो यही तो वो चीज है जिसकी उनको तलाश थी .
उन्होंने अपने दोस्त से एक्टिंग करने की बात कहीं , दोस्त ने नवाज को बताया कि अगर एक्टिंग सीखनी है और नाटक करने है तो उनको दिल्ली जाना चाहिए . 
नावजुद्दीन ने अपने दोस्त की बात मानते हुए फौरन ही अपनी नौकरी छोड़ दी और अपने अंदर के अदाकार को बहार निकालने के लिए दिल्ली आ गए .
दिल्ली आकर अपनी अभिनय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक थियेटर समूह में शामिल हो गए . चूंकि थियेटर में पर्याप्त पैसा नहीं था इसलिए उन्होंने अपने जीवन निर्वहन के लिए एक जगह चौकीदार की नौकरी के रूप में काम किया . अव नवाज हर सुबह 9 से 5 बजे तक चौकीदार की नौकरी करते और शाम को अपने दिल का काम , प्लेग्रुप के साथ नाटक करते .
कुछ समय बाद नावजुद्दीन ने दिल्ली के प्रतिष्ठित एक्टिंग स्कूल " National school of drama " में एडमिशन ले लिया . एन०एस०डी से पास होने के बाद वर्ष 2000 में वह अपने अभिनय को करियर में बदलने के लिए सपनों की नगरी मुंबई आ गए . 
मुंबई आकर नवाज ने NSD के एक सीनियर छात्र से रहने की मदद मांगी . सीनियर मदद करने के लिए तैयार हो गया लेकिन शर्त थी कि खाना नवाज को बनाना होगा . नवाज तैयार हो गए साथ ही मुंबई में उनके रहने का इंतजाम भी गया . अब बारी थी काम की इसके लिए नवाज , निर्माता निर्देशक के ऑफिस के अनगिनत चक्कर लगाने लगे .





नावजुद्दीन के अनुसार -

(कही काम मांगने जाता तो पूछा जाता ,  " क्या काम है " 
नावजुद्दीन कहते " एक्टर हूँ " जवाब मिलता ," लगते तो नही हो "
नावजुद्दीन कहते ,  " कुछ करके दिखाऊ " 
और फिर वही पर कुछ एक्टिंग करके दिखाते .)

नावजुद्दीन अपने भविष्य के लिए निर्माता, निर्देशकों के चक्कर लगाने लगे ,लेकिन उनका कद काठी और रंग रुप की वजह से हर जगह से निराशा ही हाथ लगी . 
नावजुद्दीन अब इसके आदी हो चुके थे अब उनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था .
नावजुद्दीन कहते हैं  " मैं rejection का इतना used to " हो चुका था कि अब इसका कोई असर नहीं पड़ता था .





करियर की शुरुआत -

वर्ष 1999 में, आमिर खान की फिल्म सरफरोश में  उन्होंने केवल 40 सेंकेड के बहुत छोटी सी भूमिका के साथ बॉलीवुड फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत की .
2003 में आई संजय दत्त की फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में एक पॉकेटमार की छोटी सी भूमिका निभाई . 
नावजुद्दीन के अनुसार जब सालोंं साल संघर्ष के बाद भी जब उन्हें कोई सफलता नही दिखी ,तब एक दिन उन्होंने निराश होकर मां से बात की . तब मां ने उनसे एक बात कही थी " बारह साल में तो कचरे के दिन भी बदल जाते है तू तो फिर भी इंसान है . तेरा भी दिन आएगा .
वर्ष 2010 में आई आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म  "पिपली लाइव " जिसमे उन्होंने एक पत्रकार की भूमिका निभाई थी . फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही तथा नवाज की आदाकारी की काफी सरहाना साथ ही इसी फिल्म के साथ नवाज को एक अभिनेता के रूप में मान्यता मिली .






व्यक्तिगत जीवन -

नावजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने गांव बुढ़ाना की ही लड़की अंजली से काफी समय पहले ही शादी कर ली थी . उनकी एक बेटी शोरा और एक बेटा है .




नावजुद्दीन सिद्दीकी से जुड़ा विवाद -

नावजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी आत्मकथा  "An ordinary life ; A Memoir  " की वजह से विवादों में घिर गए . नावजुद्दीन पर उनकी पूर्व प्रेमिका सुनीता राजवर और अभिनेत्री निहारिका सिंह ने उन पर अपनी किताब में कुछ तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया .
निहारिका सिंह की ओर से दिल्ली के राष्ट्रीय महिला आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई. भारी आलोचना के चलते नवाज ने अपनी जीवनी के प्रकाशित होने के कुछ ही दिनों के बाद वापस लेने की घोषणा कर दी .





नावजुद्दीन सिद्दीकी से जुड़े रोचक तथ्य -

  • नावजुद्दीन सिद्दीकी अपने नौ भाइयों में सबसे बड़े हैं .
  • नावजुद्दीन का परिवार किसान है और उनके पास एक आरा मशीन भी थी .
  • अपने संघर्ष के दिनों में सुबह 9 से शाम 5 बजे तक चौकीदार की नौकरी करते ,तथा शाम को अपना ऱगमंच का कार्यक्रम .
  • वर्ष 2000 में, वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई आ गए.
  • मुंबई में एक सीनियर के लिए खाना बनाने की शर्त पर नवाज को अपने साथ रखने को तैयार हो गया .
  • अनुराग कश्यप की फिल्म " गैंग्स ऑफ़ वासेपुर " में उनके द्वारा निभाए गए फैजल खान की भूमिका को भारतीय फिल्मों की बेहतरीन अभिनय में से एक माना जाता है .
  • वर्ष 2005 में ,न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल मेंं उन्हें फिल्म हरामखोर में ,उनकी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के  पुरस्कार से नवाजा गया.
  • नवाज के छोटे भाई शामज नवाब सिद्दीकी एक फिल्म निर्देशक है .
  • नवाज ने बहुत कम उम्र में अंजली से विवाह किया था .
  • नावजुद्दीन कहते हैं कि उनके गांव के लोग बस तीन चीज ही जानते हैं " गैंहूं ,गन्ना और गन .
  • वडोदरा आने से पहले नवाज ने केवल अपने गांव में B और C ग्रेड फिल्मे ही देखी थी .


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