सिक्कों का सबसे बड़ा करखाना ....
हम लोग लगभग हर दिन 5 और 10 रुपए के सिक्कों को हाथ लगाते हैं तथा उनसे लेन देन करते हैं पर किया आपने कभी सोचा कि यह सिक्के कहां पर बनाए जाते हैं.
इंदौर ( संजय गुप्ता ) पीथमपुर में मित्तल अप्लांंयस लिमिटेड कंपनी RBI के लिए 5 और 10 रुपए के सिक्के बनाती है .
कंपनी हर साल करीब 500 करोड़ रुपए के साढ़े 5 टन वजनी कोरे सिक्के बनाती है . कंपनी अब तक 48 हजार टन के 600 करोड़ सिक्के बना चुकी है.
यह देश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना प्लांट है जहां सिक्के बनाए जाते है ।
नौसेना के लिए मेडल भी बनाते हैं.
मित्तल अप्लांंयस कंपनी 1986 में बनी .यह 1989 से सिक्के बन रहे हैं और 2002 से मुख्य काम सिक्के बनाने का ही है।
कंपनी नौसेना के मेडल भी बनाती है . कंपनी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंशुल मित्तल बताते हैंं कि मेक- इन-इंडिया को फोकस में रखकर यह काम हो रहा है ,जिससे देश को बाहर से सिक्के जैसी सामग्री ना मंगानी पड़े ।
अधिकतर नागरिक समझते है कि यह सिक्के RBI बनाती है लेकिन ऐसा नही है बल्कि RBI के लिए यह सिक्के पीथमपुर में मित्तल अप्लांंयस बनाती है.
इंदौर ( संजय गुप्ता ) पीथमपुर में मित्तल अप्लांंयस लिमिटेड कंपनी RBI के लिए 5 और 10 रुपए के सिक्के बनाती है .
कंपनी हर साल करीब 500 करोड़ रुपए के साढ़े 5 टन वजनी कोरे सिक्के बनाती है . कंपनी अब तक 48 हजार टन के 600 करोड़ सिक्के बना चुकी है.
यह देश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना प्लांट है जहां सिक्के बनाए जाते है ।
नौसेना के लिए मेडल भी बनाते हैं.
मित्तल अप्लांंयस कंपनी 1986 में बनी .यह 1989 से सिक्के बन रहे हैं और 2002 से मुख्य काम सिक्के बनाने का ही है।
कंपनी नौसेना के मेडल भी बनाती है . कंपनी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंशुल मित्तल बताते हैंं कि मेक- इन-इंडिया को फोकस में रखकर यह काम हो रहा है ,जिससे देश को बाहर से सिक्के जैसी सामग्री ना मंगानी पड़े ।
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