गौतम बुद्ध के अनमोल विचार .
भारत की पावन भूमि को देवो की भूमि कहा जाता है . यह पर असत्य पर सत्य की विजय के लिए अनेक देवी देवताओं , तथा महापुरुषों ने जन्म लिया है . और विश्व में शांति और मानवता के लिए एक नया उपदेश दिया है . इन्हीं महापुरुषों में भगवान गौतम बुद्ध भी प्रमुख हैं . जिन्होंने पूरी मानव जाति को सत्य और अहिंसा के उपदेशो से जीने की एक राह दिखाई .
आइए जानते हैं गौतम बुद्ध के अनमोल विचारों के बारे में.
गौतम बुद्ध के अनमोल विचार .
नाम - गौतम बुद्ध .
जन्म - 363 ई०पू०.
स्थान - कपिलवस्तु के पास लुम्बिनी वन में .
- अतीत पर ध्यान दो , भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केंद्रित करो . गौतम बुद्ध .
- जैसे मोमबत्ती बिना आग के नही जल सकती , मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नही जी सकता . गौतम बुद्ध.
- हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द जो शांति लाये .
गौतम बुद्ध.
- तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकती सूर्य ,चंद्रमा और सत्य .
गौतम बुद्ध
- अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करें दूसरों पर निर्भर ना रहें .
गौतम बुद्ध.
- किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से डरना चाहिए , जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है , पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है .
गौतम बुद्ध.
- क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के समान है ; इसमें आप ही जलते हैं .
गौतम बुद्ध .
- बिना सेहत के जीवन,जीवन नहीं है बस पीड़ा की एक स्थिति है मौत की छवि है .
गौतम बुद्ध.
- बुराई होनी चाहिए ताकि अच्छाई उसके ऊपर पवित्रता साबित कर सके .
गौतम बुद्ध.
- सबसे अंधेरी रात अज्ञानता है .
गौतम बुद्ध.
- अगर आप वास्तव में स्वयं से प्रेम करते हैं, तो आप कभी भी किसी को ठेस नहीं पहुंचा सकते .
गौतम बुद्ध.
- शांति अंदर से आती है . इसे बाहर मत ढूंढो .
गौतम बुद्ध.
- शरीर को अच्छी सेहत में रखना हमारा कर्तव्य है....नहीं तो हम अपना मन मजबूत और स्पष्ठ नहीं रख सकते .
गौतम बुद्ध.
- जो आप सोचते हैं वो आप बन जाते हैं .
गौतम बुद्ध.
- जीवन में आपका उद्देश्य, अपना उद्देश्य पता करना है और उसमे जी-जान से जुट जाना है .
गौतम बुद्ध.
- हम तभी असफल होते है जब असत्य का सहारा लेते हैं
गौतम बुद्ध.
दुनिया के सबसे प्रसिद्ध धर्म सुधारकोंं एंव महापुरुषों में अग्रणी भूमिका वाले गौतम बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं के आधार पर बौद्ध धर्म की स्थापना की . तथा अपने विचारों के चलते धर्मों में बौद्ध धर्म को एक उच्च स्थान दिलाया . आज बौद्ध धर्म विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है . चाइना और जापान जैसे विश्व के विकसित देशों में बौद्ध धर्म एक प्रमुख धर्म है साथ ही ये विश्व के अनेक देशों में फैला है .
- आप केवल वही खोते हैं जिससे आप चिपक जाते हैं .
गौतम बुद्ध.
- हर सुबह हम पुन: जन्म लेते हैं आज हम क्या करते हैं यही सबसे अधिक मायने रखता है .
गौतम बुद्ध.
- जो बुद्धिमानी से जिए हैं उन्हें मृत्यु का भी भय नहीं होना चाहिए .
गौतम बुद्ध.
- पवित्रता या अपवित्रता अपने आप पर निर्भर करती हैं , कोई भी दूसरे को पवित्र नहीं कर सकता .
गौतम बुद्ध.
- स्वयं पर विजय प्राप्त करना दूसरों पर विजय प्राप्त करने से बड़ा काम है .
गौतम बुद्ध.
- सच्चा प्रेम समझ से उत्पन्न होता है .
गौतम बुद्ध.
- यदि आपकी दया आपको सम्मिलित नहीं करती ,तो वो अधूरी हैं .
गौतम बुद्ध.
- दर्द निश्चित है ,दुख वैकल्पिक है .
गौतम बुद्ध.
- सब कुछ समझने का अर्थ है सबकुछ माफ कर देना , धैर्य महत्वपूर्ण है . याद रखिये एक जग बूंद बूंद करके भरता है.
गौतम बुद्ध .
- बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती , घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता हैं, यह एक अटूट सत्य है .
गौतम बुद्ध .
- सत्य के मार्ग चलते हुए व्यक्ति केवल दो ही गलतियां कर सकता है, पहली या तो पूरा रास्ता तय ना करना ,दूसरी या फिर शुरुआत ही ना करना .
गौतम बुुद्ध .
- भविष्य को सपनों में मत खोजो और भूतकाल में मत उलझो सिर्फ वर्तमान पर ध्यान दो . जीवन में खुश रहने का यही एक सही रास्ता है .
गौतम बुद्ध.
- जीवन में आप चाहे जितनी भी अच्छी अच्छी किताबें पढ़ लो , कितने भी अच्छे शब्द सुन लो ,लेकिन जब तक आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते तब तक उसका कोई अर्थ नही है.
गौतम बुुद्ध .
- क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा , मौन वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है .
गौतम बुद्ध .
- जो करना है आज ही करे क्या पता कल हमारे पास जिंदगी ही ना रहें .
गौतम बुद्ध.
- बुराई करने वालों को हमेशा अपने साथ रखो क्योंंकि वही तुम्हारी गलतियों को तुम्हें बता सकते है .
गौतम बुद्ध.
गौतम बुद्ध को हिन्दू धर्म में विष्णु का अवतार माना जाता है ,इसलिए गौतम बुद्ध को भगवान बुद्ध कहा जाता है . बौद्ध धर्म में अंहिसा को अपनाने तथा मानव जाति पशु पक्षी सभी को एक समान दर्जा देने को कहां गया है . बौद्ध धर्म जाति प्रथा को नही मानता तथा सभी मानवों को एक समान मानता है .
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