शीत ऋतु ( सर्दी) में कैसा हो खान - पीन और रहन - सहन .

हमारे देश में सर्दी अपेक्षाकृत कम ही पड़ती है विशेष कर मध्य प्रदेश के दक्षिण भाग से लेकर दक्षिण भारत के पूरे भाग में , उत्तर भारत की अपेक्षा ठंड कम और गर्मी ज्यादा रहती है . इसलिए सर्दी का महत्व बढ़ जाता है .

" जैसे व्यापारी त्योहारों या शादी के सीजन में अपने काम पर खूब ध्यान देकर इतना धन अर्जित कर लेता है कि बाद बाकी दिनों में उसे पैसों की किल्लत नही होती ,ठीक उसी तरह सर्दियोंं में अपने शरीर की उचित देखभाल करके ,उचित खान - पीन का सेवन करके शरीर को स्वस्थ और सुडौल बनाया जा सकता है "

आखिर कैसे हो दिन की शुरुआत -

दिन की अच्छी शुरुआत होती है सुबह जल्दी उठने से , लेकिन वो हो कैसे और जल्दी कौन उठे .
इस दौर टीवी और मोबाइल का ऐसा माया जाल फैला हुआ है जिससे देश में " निशाचरों " (रात में जागने वाले ) की संख्या बढ़ती ही जा रही है . टीवी ,मोबाईल से प्रभावित लोग देर रात तक जागते रहते हैं और सुबह देर तक सोते रहते है . जैसे - तैसे अपने आधी अधूरी नींद तो ले ली ,लेकिन उससे स्वास्थ और चेहरे की रौनक का सत्यानाश हो जाता है .

दिनचर्या का रखे खास ध्यान - 

अपनी दिनचर्या के पालन में हमे कुछ खास बातों का ना सिर्फ ख्याल रखना होगा बल्कि इसको अपने जीवन का सिद्दांत बनाना होगा कुछ ही समय में आपको इसकी आदत पड़ जाएगी . फिर ये आदतें हमारे स्वभाव में आ जाएगी .

 सूर्य निकलने से पहले उठो -

अपना सिद्धान्त यह बनाने की कोशिश करनी चाहिए , रात में 9 से 10 के बीच में सो जाना चाहिए ,जिससे आप सुबह जल्दी उठ सको और 7-8 घंटे की नीद ले सको . एक स्वास्थ इंसान को 7-8 घंटे की नीद लेनी चाहिए. सुबह जल्दी उठने के बाद पानी पी कर नित्यकर्म कर लेना चाहिए.

टहलने जाए या कसरत करें -

सुबह 2-3 किलोमीटर तक तेज चलना या धीरे धीरे दौड़ना चाहिए . अगर आप घर से बहार जाना नही चाहते तो घर पर कसरत या योगा करने की आदत डालनी चाहिए. ये सारे काम सूर्य निकलने से पहले कर लेने चाहिए .

इस को संकल्प बना लो -

आपकी दिनचर्या का सबसे महत्वपूर्ण भूमिका समय की है . प्रत्येक काम को ठीक समय पर करना चाहिए .

"जो वक्त की इज्जत करता है , वक्त उसकी इज्जत करता है "

इस बात को दुनिया का हर इंसान मानता भी है और जानता भी है जिसका साथ वक्त देता है वह निहाल हो जाता है और दुनिया उसको सलाम करती है .
अपनी दिनचर्या में इतने नियमों का पालन करना तो अनिवार्य है बाकी समय का टाइम टेबल आपको अपने कामकाज के हिसाब से बनना चाहिए. और भरपूर कोशिश करनी चाहिए कि हर काम अपने निश्चित समय पर हो ,ऐसा करने से आपका समय फालतू नष्ट नहीं होगा .

" इंसान की जिंदगी में समय नष्ट करने से बढ़ कर कोई भूल नही हो सकती , और ना ही इससे बडी कोई हानि .

सर्दी में खान - पीन -

सर्दी प्राकृतिक रूप से उत्तम बल देने वाली होती है इसलिए सर्दियोंं में पौष्टिक और बलवीर्य वर्धक वस्तुओं का सेवन करना चाहिए. सर्दी में जठरग्नि मजबूत रहती है जिस कारण पौष्टिक और पचने मेंं भारी पदार्थ भी आसानी से पच जाते हैं .
इसका दूसरा कारण यह भी है कि सर्दियोंं में रात बड़ी होती है और दिन छोटे  , जिससे शरीर को आराम करने के लिए समय अधिक मिलता है और पाचन क्रिया को भी अधिक समय मिलता है . इस कारण सर्दी में खाए जाने वाले पदार्थ सही से पच जाते हैंं .



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