हिंदी व्यंग्कार हरिशंकर परसाई के 26 अनमोल विचार ; Harishankar Parsai Quotes In Hindi.
Harishankar Parsai( August 22, 1924 - August 10, 1995) - हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंग्कार थे. ये हिंदी के पहले रचनाकार थे, जिन्होंने व्यंग्य को विद्या का दर्जा दिलाया और उसे हल्के-फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिधि से उबारकर समाज में व्यापक प्रश्नों से जोड़ा.
Harishankar Parsai ने सामाजिक पाखंड और रूढ़िवादी जीवन-मूल्यों की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होंने सदैव विवेक और विज्ञान सम्मत दृष्टि को सकारात्मक रूप अ पेश किया है .
हिंदी व्यंग्कार हरिशंकर परसाई के 26 अनमोल विचार ; Harishankar Parsai Quotes In Hindi.
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1 - " बेइज्जती में अगर दूसरों को भी शामिल कर ले तो आधी इज्जत बच जाती है."
Harishankar Parsai.
2 - " आत्मविश्वास कई प्रकार का होता है, धन का, बल का , ज्ञान का. लेकिन मूर्खता का आत्मविश्वास सर्वोपरि होता है."
Harishankar Parsai.
3 - " अंधभक्त होने के लिए प्रचंड मूर्ख होना एक अनिवार्य शर्त है ."
Harishankar Parsai.
4 - " अश्लील पुस्तकें कभी नहीं जलाई गई. वे अब अधिक व्यवस्थित ढंग से पढ़ी जा रही हैं."
Harishankar Parsai.
5 - " "जो आदमी स्वार्थ का बिल्कुल विसर्जन कर दे, वह बहुत खतरनाक हो जाता है. वह दूसरे के प्राण तक ले लेना अपना नैतिक अधिकार समझता है."
Harishankar Parsai.
6 - " सफेदी की आड़ में हम बूढ़े सब कर सकते हैं, जिसे करने की तुम जवानों की भी हिम्मत नहीं होती."
Harishankar Parsai.
7 - " हर लड़का , बाप से आगे बढ़ना चाहता है. जब वह देखता है कि चतुराई में आगे नहीं बढ़ सकता , तो बेवकूफी में आगे बढ़ जाता है ."
Harishankar Parsai.
8 - " हीनता के रोग में किसी के अहित का इंजेक्शन बड़ा कारगार होता है."
Harishankar Parsai.
9 - " भरत ने कहा- स्मगलिंग तो अनैतिक है. पर स्मगल किए हुए सामान से अपना या अपने भाई-भतीजे का फायदा होता है, तो यह काम नैतिक हो जाता है. जाओ हनुमान , ले आओ दवा."
Harishankar Parsai.
10 - " दिशाहीन, बेकार, हताश , नाकारावादी, बेकार युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती है. यह भीड़ धार्मिक उन्मादियों के पीछे चलने लगती है. यह भीड़ किसी भी संगठन के साथ हो सकती है जो उन्माद और तनाव पैदा कर दे."
Harishankar Parsai.
11 - " खुद चाहे कुछ न करूं , पर दूसरों के काम में दखल जरूर दूंगा."
Harishankar Parsai.
12 - " निठल्ले की अपनी पत्नी के बारे में भी धारणा होगी कि इस स्त्री का जन्म मुझसे विवाह करके मुझे तंग करने के लिए हुआ है."
Harishankar Parsai.
13 - " इस देश (भारत) के बुद्धजीवि सब शेर है ; पर वे सियारों की बारात में बैंड बजाते हैं."
Harishankar Parsai.
14 - " झूठ बोलने के लिए सबहे सुरक्षित जगह अदालत है . वहां सुरक्षा के लिए भगवान और न्यायधीश हाजिर होते है."
Harishankar Parsai.
15 - " राजनीति में शर्म केवल मूर्खों को ही आती है."
Harishankar Parsai.
16 - " न्याय को अंधा कहा गया है- मैं समझता हूँ न्याय अंधा नहीं , काना है, एक ही तरफ देख पाता है."
Harishankar Parsai.
17 - " धर्म अच्छे को डरपोक और बुरे को निडर बनाता है ."
Harishankar Parsai.
18 - " तारीफ करके आदमी से कोई भी बेवकूफ़ी करायी जा सकती है."
Harishankar Parsai.
19 - " जो पानी छानकर पीते हैं, वो आदमी का खून बिना छाने पी जाते है."
Harishankar Parsai.
20 - " दूसरों के दुख को मान्यता देना ही सहानुभूति है."
Harishankar Parsai.
21 - " गरीबों के साथ धोखों का अविष्कार करने के मामले में अपना देश बहुत आगे है."
Harishankar Parsai.
22 - " व्यस्त आदमी को अपना काम करने में जितनी अक्ल की जरूरत पड़ती है, उससे ज्यादा बेकार आदमी को समय काटने में लगती है."
Harishankar Parsai.
23 - " नाक की हिफाज़त सबसे ज्यादा इसी देश में होती है."
Harishankar Parsai.
24 - " गाली वही दे सकता है, जो रोटी खाता है. पैसा खाने वाला सबसे डरता है."
Harishankar Parsai.
25 - " तानाशाह एक डरपोक आदमी होता है. अगर पांच गधे भी साथ-साथ घास खा रहे हों तो तानाशाह को डर पैदा होता है कि गधे भी मेरे खिलाफ साजिश कर रहें है."
Harishankar Parsai.
26 - " कुछ लोग खिजाब लगाते हैं. वे बड़े दयनीय होते हैं. बुढ़ापे से हार मानकर , यौवन का ढोंग रचते हैं."
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