Motivation story : Junaid Ahmad 2019 UPSC topper.
" इस दुनिया में असंभव कुछ भी नही , हम वो सब कर सकते हैं जो हम सोच सकते है . और हम वो सब सोच सकते है जो आज तक हमने नहीं सोचा " .
यह पंक्ति जुनैद अहमद पर सही बैठती हैं जिन्होंने मात्र 4 घंटो की मेहनत से यह सफलता हासिल की है .
परिचय -
नाम - जुनैद अहमद .
जन्म स्थान - बिजनौर ,नगीना .
पिता - जावेद हुसैन .
मां - आयशा रजा .
बहन - महविश ,हादिया .
भाई - अरहान .
जुनैद अहमद -
यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में तीसरे स्थान पर टॉप करने वाले जुनैद अहमद यूपी के नगीना कस्बे के " नगीना " बन गए. जुनैद अहमद के तीसरे स्थान आने के बाद से उनके घर पर जश्न का माहौल है. बधाई देने वालों का तांता लगा है. लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह सफलता हासिल की है .
लड़को के ऊपर भले ही घर परिवार की जिम्मेदारी हो लेकिन वो स्कूल और कॉलेज के समय में पूरे टशन में रहते हैं . स्कूल में पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते . यही सब हाल जुनैद अहमद का था . टॉपर बनने वाले भी कुछ ही लड़के होते हैं . ऐसे में जब एक औसत दर्जे का छात्र जब यूपीएससी में टॉप कर दे तो यह एक चौकने वाली बात तो है ही .ये बात जब जुनैद अहमद के परिवार वालों और दोस्तों को पता चली तो सब दंग रह गए .जुनैद अहमद ने यूपीएससी जैसी परीक्षा मात्र 4 घंटे पढ़ाई करके पूरी की . जबकि इस परीक्षा की तैयारी करने वाला हर छात्र औसतन हर रोज लगभग 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करता है .
जुनैद अहमद की यह सफलता सही रणनीति और संघर्स का इनाम था .
जुनैद अहमद के अनुसार -
मेरा बचपन से ही सपना था कि एक दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनू . हमारे परिवार में कोई भी प्रशासनिक सेवा में नहीं था . ऐसे में कोई अधिक जानकारी भी नहीं थी .बस मेहनत पर पूरा भरोसा था सिविल सर्विसेज की चार बार परीक्षा देने पर 2017 में मेरा भारतीय राजस्व सेवा में चयन हुआ था . हालांकि सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का था . इसी के चलते पांचवी बार परीक्षा दी और सिविल सर्विसेज 2019 की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में तीसरा स्थान मिला और जुनैद अहमद का भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुडने का सपना पूरा हो गया .
जुनैद अहमद का परिवार और शिक्षा -
जुनैद अहमद एक मध्यमवर्गीय परिवार से है और बिजनौर के नगीना कस्बे में इनकी परवरिश हुई . पिता जावेद हुसैन जो पेशे से वकील है और मां आयशा रजा एक ग्रहणी है . जावेद की दो बहनें महविश और हादिया तथा एक छोटा भाई अरहान जो कि 12वीं में पढ़ता है तथा हादिया प्राइवेट जॉब करती हैं .
शुरु से ही पढ़ाई में औसत दर्जे के छात्र रहने वाले जुनैद अहमद के दसवीं और 12वीं की परीक्षा में 60 फीसदी अंक आए थे . जुनैद 12 के बाद शारदा यूनिवर्सिटी नोएडा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और वह भी उनके 65 फीसदी अंक ही आए .
कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद जुनैद के मन में IAS अधिकारी बनने का सपना जगा .
शुरुआत में 10 घंटे , सफलता चार घंटे की मेहनत से .
अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद जुनैद ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी से मार्ग दर्शन लिया , जामिया की कोचिंग अकादमी मुफ्त सिविल सर्विसेज के छात्रों को तैयारी करवाती है .इसमे रहना ,खाना समेत कोचिंग भी होती है . शुरुआत में आठ से दस घंटे लगातार पढ़ाई करते थे . जुनैद रोज सुबह पांच बजे से उठकर तैयारी में जुट जाते थे और दोपहर 11-12 बजे तक पढ़ते थे .
वेसिक समझ में आने के बाद तैयारी का समय घटकर मात्र 4 घंटे तक सिमट गया .
जुनैद का मनपसंद विषय जियोग्राफी है यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले जुनैद अहमद पहले से ही सामजिक क्षेत्र में काम कर रहे हैं बता दें कि वो जकात फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं जहां वो लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हैं ताकि वह उनका बेहतर तरीके से उपयोग कर सके .
जुनैद की सफलता के टिप्स -
- जुनैद बताते हैं कि असफलता होने के बाद परेशान करने वाली परिस्थितियोंं को आप कैसे देखते हैं ये सोचना बहुत मायने रखता है. हारकर घर बैठ जाना सबसे बड़ी गलती .
- जुनैद परीक्षा का परिणाम आने से पहले ही उसके बारे में सोचना शुरू कर देते थे . अपने खराब परिणाम की वजह वे इसी को मानते है .बाद में जब दबाव लेना बंद कर दिया, इसके बाद वह पांचवे प्रयास में तीसरी रैंक से पास हुए .
- जुनैद शुरुआत में छोटी छोटी चीजों से परेशान हो जाया करते थे. जिसके कारण दिमाग में तनाव रहता था पर बाद में ये सब छोड़ दिया और UPSC परीक्षा पास की .
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