जरुरतों को दरकिनार कर ख्वाहिशोंं के पीछे भागते हैंं ,दिन का सुकून तो गंवाया था अब रातों को जागते हैं .
एक हद तक दर्द सहने के बाद इंसान खामोश हो जाता है ,और ना फिर किसी से शिकायत करता है और ना किसी से उम्मीद रखता है .
किसी की बात का इंसान ज्यादा एनालिसिस न करें कि दिमाग को पैरालिसिस हो जाये भगवान ने जिंदगी जीने के लिए दी है पोस्टमार्टम करने के लिए नही.....
वो दौर बहुत अच्छा था ,जब मिट्टी में भी खुशबू थी ,अब शहरों में भी चैन कहां ,हम AC में घुट जाते है ,वो दौर बहुत अच्छा था जब हम तुम रुखा सूखा खाते थे ,अब स्टार्टर हो या मैनकोर्स , हम भूखे रह जाते है .
बचपन में हर बार जिद कर अपनी मांगे पूरी करवाते थे उनसे , नादानी से समझदारी तक का सफर तो तय कर लाया था, पर कभी सोच ही ना पाए कि हमारे ख्वाबोंं को पूरा करते -करते ,उस पिता ने अपने ना जाने कितने ख्वाब कुचले हैं .
उस भरी महफिल में बैठे सभी लोग मुस्कुरा दिए ,जब मुझसे पूछा गया कि ' तुम किसकी बेटी हो ' तो मैने कहां कि " मैंं पापा की बेटी हूं " .
आज उसने फिर कहां कि " काश " कोई ऐसा होता यार जो मुझे समझता विल्कुल तुम्हारी तरह....समझ नही आया ,खुश हो जाऊ या उदास .
साथ वो है जो तुम्हारे होने का एहसास दिलाएं , साथ वो नहीं जो तुम्हारे होने के बावजूद तुम्हारी याद दिलाएं .
तुम्हारी पीछा इस जिंदगी में तो नही छोडूगी ,मुसीबत ने धक्का देकर कुछ ऐसा कहां .
मजबूरी थी या मगरुरी ये बात समझ पाना मुश्किल था, हां जरुरत पड़ी थी इस दिल को , हालात समझ पाना मुश्किल था.
आजकल लोग हर बात पे सवाल करते हैं , गजब की बात तो ये है ,जवाब भी मनमुताबिक चाहते हैं .
लोग कहते है दु:ख बुरा होता है जब भी.आता है रुला के चला जाता है ,मगर हम कहते हैं दु:ख अच्छा होता है जब भी आता है कुछ सीखा के चला जाता है .
यूं ख्वाबोंं में खुद के साथ टहलना अब बंद भी करो, जल्द मिलेगा बोलकर अब बहलाना बंद भी करों .
किसी इंसान के शब्द नहीं बोलते उसका वक्त बोलता है .
और फिर कुछ मोहब्बतों की आखिरी मंजिल ब्लॉक लिस्ट होती है .
महोब्बत में है सिर्फ 4 सितम ,Dil,Dard,Dawa,Dua और खेल ख़त्म .
शहर भर के मजदूर जैसा दरबदर कोई नही , जिसने सब का घर बनाया उसका कोई घर ना था .
लोग तलाशते है कि कोई फिक्रमंद हो, वरना कौन ठीक होता है यूं हालचाल पूछने से .....
जिंदगी क्या है जानने के लिए जिंदा रहना जरुरी है , आज तक कोई भी रहा तो नही .
अफवाह थी की मेरी तबीयत खराब है, लोगों ने पूछ -पूछ कर बीमार कर दिया .
तुम काली से लिखो या लाल से लिखो ,कुछ यादें हमेशा हरी रहती हैं .
मोहल्ले की मोहब्बत का भी अजीब फसाना है चार घर की दूरी है और बीच में सारा जमाना है....
ऐब भी बहुत है मुझ में और खूबियां भी ,ढूंढने वाले तू सोच तुझे क्या चाहिए मुझमें.....
हम तो हंसते है बस दूसरों को हंसाने के लिए , वरना जख्म तो इतने है कि ठीक से रोया भी नही जाता .
हम जिनके साथ वक्त को जाते थे , वो वक्त के साथ हमें ही भूल गये.....
दोष काटो का नही हमारा ही था जनाब ,हमने ही पैर रखा था वो तो अपनी जगह पर थे .
यह अलग बात है कि मैं बुझा-बुझा सा रहता हूं लेकिन मेरी मां मुझे आज भी घर का चिराग कहती है .
जिंदगी सब्र के अलावा कुछ भी नहींं ,.मैने हर शख्स को इंतजार करते देखा है .
मैने सर झुकाया है वक्त के आगे ,तुम खुद को खुदा ना समझों .
मंजिल तो हमे मिल ही जाएगी भटकते हुए ही सही ,गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नही .
जिस दिन आपने ये परवाह करनी छोड़ दी की लोग आपके बारे में क्या सोचते है समझो उस दिन से आपने अपनी जिंदगी का आनंद लेना शुरु कर दिया .
लोग तब बदलते है जब उनकी जरुरते बदलती हैं
जल -जल के बुझती है ,बुझ-बुझ के जलती है, ये जिंदगी है मेरी यूं ही चलती है .
वो नाराज होती है हम मना लेते थे ,जब हम नाराज हुए तो मनाना तो दूर हमे ही भूल गए .
अगर जिंदगी का साथी लाचार हो जाए तो उसे छोड़ा नही संभाला जाता है .
दूसरों के घर जाकर पंचायत वही करते है ,जिन्हें खुद के घर में कोई इज्जत नही मिलती .
बहुत कुछ सोचना पड़ता है मुहं खोलने से पहले क्योंंकि दुनिया अब दिल से नही दिमाग से रिश्ते निभाती है .
वो मुझे हासिल नही हुआ तो क्या हुआ ,ये प्यार एक तरफ ही खूबसूरत है.
खुशियां उतनी ही अच्छी है ....जितनी मुट्ठीयों में समा जाए ..छलकती खुशियों को....अक्सर नजर लग जाया करती है .
मेरे पास वक्त नहीं है नफरत करने का उन लोगों से जो मुझसे नफरत करते है क्योंंकि मैं व्यस्त हूं उन लोगों में जो मुझसे प्यार करते है .
प्यार वो शर्त है ,,जिसमेंं दूसरे व्यक्ति की खुशी आपके लिए जरुरी है .
चाहे लाख कोशिश कर लो ....जनाब; कुछ लोग ...आपकी Feelinges कभी नही समझ सकते....
कमाल के होते है वो जो आवाज से ही उदासी और खुशी का अंदाजा लगा लेते है
किसी के दिल में क्या छुपा है ये केवल खुदा ही जानता है ..दिल अगर बेनकाब होता सोचो कितना फसाद होता ....
जिनके सपने बड़े होते हैं वो अपने सपनों की उड़ान दूसरों से पूछ कर नही करते.
तेल लेने गई दुनिया , दुनिया क्या कह रही है ,यह सोचना हमारा काम नही है .
जीवन में कुछ लोग ऐसे भी मिल जाते है ..जो अनजाने होकर भी अपनों से बढ़कर स्नेह और सम्मान दे जाते हैंं और कुछ अपने होकर भी धोखा दे जाते है ...
हमसे रिश्ता बनाए रखना हम वहां काम आते है ,जहां सब साथ छोड़ जाते हैंं....
कभी -कभी धागे बड़े ही कमजोर चुन लेते है हम ,और फिर पूरी उम्र गांठ बांधने में निकल जाती है .
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