फ़िनलैंड : दुनिया की सबसे अच्छी शिक्षा प्रणाली कैसे ? The best education system in the world .
फिनलैंड अपने देश में अमीर - गरीब सबको एक जैसी शिक्षा दे रहा है. सुनने में ये भले अजीब लग सकता है लेकिन फिनलैंड ने दुनिया की सबसे कामयाब शिक्षा पद्धति खोज ली है . यहां की शिक्षा व्यवस्था की मुरीद पूरी दुनिया है , क्योंंकि यह पढ़ाई का तरीका एक दम अलग है .
पढा़ई का तरीका -
दरअसल फिनलैंड में बच्चोंं से कह दिया जाता है कि वो स्कूल में कम से कम वक्त बिताएं . स्कूल में उन्हें होमवर्क भी कम दिया जाता है और एग्जाम का टेंशन भी अधिक नही होता.
प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट के मुताबिक बाकी मुल्कों की तुलना में फिनलैंड के बच्चेंं " गणित और विज्ञान " में अच्छा कर रहें हैं .
पढ़ाई का माध्यम -
यहां बच्चोंं को वैज्ञानिक तरीके से पढ़ाने पर जोर दिया जाता है. उनकी क्षमता व योग्यता को अंक के आधार पर नही आंका जाता है , ना ही बच्चोंं के तुलनात्मक विकास पर चर्चा होती है . दुनिया भर के शिक्षक फिनलैंड के शैक्षणिक संस्थानों से सबक ले रहें हैं. लेकिन इन सब में यहां के शिक्षकों की ट्रेनिंग का महत्वपूर्ण योगदान है. फिनलैंड में अध्यापक को सबसे सम्मानजनक पेशा माना जाता है.
यह शिक्षक का आहोदा किसी दूसरे पेशे या व्यवसाय से ऊपर है .हालांकि यहां शिक्षक बनना इतना आसान भी नही है .
फिनलैंड में एक क़्वालिफाइड टीचर की तरह काम करने से पहले छात्रों को अपने यूनिवर्सिटी के समय से ही टीचर ट्रेनिंग स्कूलों में अभ्यास शुरु कर देना होता है.
फिनलैंड की शिक्षा की सफलता -
साल 1960 के अंत तक माहौल ऐसा नहीं था. फिनलैंड में महज 10% बच्चेंं ही ऐसे थे जो दसवीं तक की पढ़ाई पूरी करते थे.
फिनलैंड के अनिवार्य एजुकेशन सिस्टम " पेरुस्कोलु " के सफलता की कहानी शुरु होती है . साल 1970 में ,लेकिन इसमें चार चांद लगे 1990 के दौरान . इस दौरान शिक्षा को लेकर समय - समय पर बहुत से सुधार होते रहे . आज जब अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के प्रतिनिधि मंडल जब फिनलैंड की जादुई शिक्षा पद्धति को समझने के लिए आते है तो वो उन्हें ये जरुर कहते हैं कि यह उच्च स्तरीय शिक्षा प्रणाली सिर्फ शिक्षा नीतियों का परिणाम नहीं बल्कि इसके पीछे कारगर सामाजिक नीतियां भी रही हैं .
आपको जानकर हैरानी होगी कि फिनलैंड में टॉप स्कूल और सबसे खराब प्रदर्शन वाले स्कूल के बीच आंशिक अंतर ही होता है .
शहर और गांव के स्कूलों के बीच शिक्षा और शिक्षकों की गुणवत्ता में किसी भी तरह का अंतर नही होता . यहां औसतन सभी स्कूलों का प्रदर्शन अच्छा है और वे बेहतर स्थिति में है ऐसा दुनिया में किसी भी दूसरे देश में नही देखा जाता है .
पढा़ई में बच्चोंं को मूलभूत सुविधाएं-
फिनलैंड की समाजिक हित से जुड़ी नीतियों ने यहां के बच्चोंं और उनके परिवार वालों को ऐसी न्यायसंगत परिस्थितियांं मुहैया कराई हैं जो सात साल की उम्र में उन्हें बेहतर शिक्षा का रास्ता चुनने का अवसर देती हैं .
असमानता सिर्फ कुछ खरीद पाने या ना खरीद पाने की क्षमता को ही प्रभावित नहींं करती बल्कि ये कई तरह से प्रभावित करती है ऐसे में शिक्षा व्यवस्था तो एक ऐसे माहौल में ही बेहतर हो पाएगी जहां समानता हो .
वित्तीय स्थिति और बच्चोंं की पढ़ाई में एक संवंध तो है ही जिसे अनदेखा नही किया जा सकता है जिस समाज में समानता अधिक होगी वहां बच्चे स्कूलोंं में भी अच्छा करते मिलेंगे .
वर्किंग क्लास के बच्चे साथ - साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं उन्हें कोई फीस नहीं देनी होती है और स्कूल से जुडी़ सारी सामग्रियां उन्हें मुफ्त में मुहैया कराई जाती है .
बड़े - बड़े भोजनालयों में प्राइमरी से लेकर दसवीं तक के बच्चोंं को यहां खाना परोसा जाता है .
सभी बच्चोंं को मेडिकल , दांत से जुड़ी समस्याओंं के लिए मदद दी जाती है . बच्चोंं के मानसिक विकास के लिए साइकोलॉजिस्ट की मदद भी दी जाती है.
यह समझना बहुत आसान है कि वेतन में असमानता , बचपन में गरीबी और स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं की कमी स्कूल की नीतियों और बेहतरी को सीधे तौर पर प्रभावित करती है .
बच्चोंं को क्लास रूम में वो सब कुछ सिखाया जाता है जो उन्हें जानने की जरुरत है . उनके पास अपने दोस्तों के साथ घुलने - मिलने का वक्त होना चाहिए क्योंंकि ये सब कुछ बहुत जरुरी है .
आरामदायक माहौल -
फिनलैंड के स्कूलों का माहौल बहुत शांत और सहज रहता है .यह किसी भी तरह की स्कूल यूनिफॉर्म नहीं है और और बच्चे इधर उधर घूमते रहते हैं.
यहां पढ़ाई के दौरान घंटे बंधे नही होते . बच्चा जितनी देर चाहे स्कूल में पढ़ सकता है . उसे पूरे दिन किताबों के बीच दिमाग केंद्रित करने की जरुरत नहीं होती है . वह जब चाहे पढ़ाई से ब्रेक ले सकता है , खेल सकता है या फिर आराम कर सकता है इसकी सुविधा सभी स्कूलोंं में होती है .
क्लास रूम में बच्चों को प्रत्येक 45 मिनट से एक घंटे की पढ़ाई के बाद कम से कम 15 मिनट का ब्रेक लेना अनिवार्य है . इस दौरान उन्हें खेल के मैदान में , प्राकृतिक संसर्ग में रहने को प्रेरित किया जाता है .यहां प्रायोगिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है. बच्चोंं के बैठने के लिए बेंच और डेस्क के उपयोग को अनिवार्य नही माना जाता ,ना ही शिक्षक खुद के लिए टेवल कुर्सी की जरुरत पर बल देते हैं.
क्लास रूम में बच्चों को प्रत्येक 45 मिनट से एक घंटे की पढ़ाई के बाद कम से कम 15 मिनट का ब्रेक लेना अनिवार्य है . इस दौरान उन्हें खेल के मैदान में , प्राकृतिक संसर्ग में रहने को प्रेरित किया जाता है .यहां प्रायोगिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है. बच्चोंं के बैठने के लिए बेंच और डेस्क के उपयोग को अनिवार्य नही माना जाता ,ना ही शिक्षक खुद के लिए टेवल कुर्सी की जरुरत पर बल देते हैं.
फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली नंबर वन होने के 10 कारण -
- दुनिया में जहां एक तरफ गरीबी ने समान शिक्षा व्यवस्था की नींव हिला दी है ,वही फिनलैंड की कामयाबी वही समान शिक्षा व्यवस्था बनी है . फिनलैंड एक ऐसा देश है जिसने अपने छात्रों के लिए16 साल तक शिक्षा सौ फीसदी मुफ्त कर दी है .
- यहां स्कूलों में कोई इम्तिहान नहीं लिया जाता है. छात्रों को क्लास 6 से पहले किसी भी तरह का कोई इम्तिहान नही देना होता है . सिर्फ एक स्टेंडर्ड देश व्यापी इम्तिहान होता है जो 16 साल की उम्र में स्कूल पास करने के बाद ही लिया जाता है .
- फिनलैंड में शिक्षा में गैरबराबरी देखने को नही मिलती , यहां के गांव और शहरों की शिक्षा व्यवस्था एक जैसी होती है .
- बच्चोंं की प्राइमरी शिक्षा ही उसकी असली शिक्षा होती है यही प्राइमरी शिक्षा छात्रों के जीवन की दशा और दिशा तय करती है ,और इसी लिए यहां सरकार की तरफ से स्कूलों को निर्देश हैं कि वो अपने स्कूल के हर छात्र की शिक्षा पर ध्यान दें .
- फिनलैंड में प्राइमरी शिक्षा प्राइवेट स्कूलों और सरकारी स्कूलों दोनों में एक समान है . कमाल की बात है कि देश के 99% बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते है . दूसरी तरफ कोई प्राइवेट ट्यूशन भी नही है . क्योंंकि छात्रों को इसकी जरुरत ही नही है .ट्यूशन के वजाए 30% छात्रों को नौवी क्लास तक टीचरों के द्वारा अलग से पढ़ाई में मदद दी जाती है .
- यहां छात्रों पर सुबह जबरदस्ती स्कूल जाने का दबाब नहीं होता है बल्कि वो अपनी मर्जी से खुशी खुशी स्कूल जाते हैं . बच्चोंं को अपने ढ़ग से पढ़ाई करने की छूट दी जाती है ,बच्चे क्लास में बांसुरी बजाते हैं. उनको अंग्रेजी भी मस्ती के अंदाज में सिखाई जाती है. यहां के स्कूलोंं में फिनीश और स्वीडिश गाने सिखाए जाते हैं .
- कुछ लोगों के लिए फिनलैंड में शिक्षा हासिल करना एक सपने की दुनिया में जाकर शिक्षा प्राप्त करने जैसा है यहां एक दिन में बच्चोंं को सवा घंटे का लंच ब्रेक मिलता है वही टीचर एक दिन में सिर्फ 4 घंटे एक क्लास में पढ़ाते हैं शिक्षा पूरी तरह से सरकारी है.
- यहां दुनिया के सबसे तेज और सबसे कमजोर छात्रों के बीच का फासला सबसे कम है . स्कूलोंं में सिर्फ मेधावी छात्रों को जगह नही मिलती है बल्कि कमजोर छात्रों पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है . कुछ छात्र को पढ़ाई में कमजोर हैं उनकी अधिक मदद की जाती है और यही वजह है कि यहां 93% छात्र हाई स्कूल ग्रेजुएट हैं .
- शिक्षक किसी भी शिक्षा व्यवस्था की सबसे अहम कड़ी होते हैं इसीलिए फिनलैंड में टीचर बनना सबसे सम्मानित प्रोफेशन माना जाता है. यह लोग डॉक्टर या इंजीनियर नहींं बल्कि टीचर बनना सबसे शान की बात समझते हैं टीचर के लिएमास्टर डिग्री होना अनिवार्य है .
- यहां टीचरों के पास दिन में इतना समय होता है कि वो आपस में मिल बैठकर सिलेबस से जुडी बातों पर नई रणनीति तैयार कर सकें ताकि वो बाकी वक्त अपने हिसाब से गुजार सके . लंच ब्रेक भी कम से कम सवा घंटे का होता है . शिक्षाओं को सिलेबस का केवल एक मोटा मोटा खाका ही दिया जाता है और शिक्षक अपने हिसाब से ही तय करते हैं कि वो छात्रों को किस ढ़ग से पढ़ाएंगे .
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