Where do indians invest the most in hindi..कहां निवेश करते है भारतीय.
जानिए सबसे ज्यादा कहां निवेश करते है भारतीय.
भारतीयोंं के पसंदीदा निवेश क्षेत्र.
- जोखिम हर क्षेत्र में होता है ऐसा कोई क्षेत्र नही जिसमे जोखिम ना हो.
- ऐसा कोई निवेश नही होता जिसमें रिटर्न भी ऊँचा हो और कोई जोखिम भी ना हो .
- निवेश करते समय टैक्स और निवेश की अवधि को भी ध्यान में रखना चाहिए.
- किसी भी क्षेत्र में निवेश करने से पहले सारे दस्तावेजों को ध्यान पूर्वक पढ़ना चाहिए.
निवेश दो प्रकार का होता है .
- वित्तीय
- गैर वित्तीय
- वित्तीय संपत्तियां-वित्तीय संपत्तियां भी दो प्रकार की होती हैं.
- शेयर और म्युचुअल फंड
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड, बैंको का फिक्सड डिपॉजिट
गैर वित्तीय- सोना ,रियल एस्टेट
शेयरों में निवेश -शेयर रिटर्न की कोई गांरटी नहीं होती तथा निवेश मेंं जोखिम भी रहता है, आपका मूूूल धन भी डूब सकता है.
इसके लिए जरूरी है सही शेयर मे पैंसा सही समय पर लगाया जाए और अच्छी कंपनी मे ही लगाया जाए .
शेयरों मेंं निवेश करने के लिए अपना डीमैट अकाउंट खुलवाना पड़ता है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड- इक्विटी म्यूचुअल फंड का भी मुख्य काम शेयरों मेंं निवेश करना ही है.
नियमानुसार यह कम से कम 65% शेयर फंड को सीधे शेयर या शेयरों से जुडे़ उपकरणों में निवेश करता है .
डेट म्यूचुअल फंड- जो निरंतर और चाहते हैं. उनके लिए डेेेट फंड बेेेहतर है.
इसमें जोखिम कम है ,जिनमें कॉरपोरेट बांड,सरकारी बांड ,कॉमशियल पेपर आदि शामिल है .
नेशनल पेंशन सिस्टम - एनपीएस लंबी अवधि का एक रिटायरमेंट फंड है,
इसका प्रबंधन पेशंन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी करता है .
पब्लिक प्रोविडेंट फंड- पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि होती है.इसलिए इसमे टैक्स -फ्री ब्याज के कंपाउंडिंग का फायदा भी काफी अधिक मिलता है .
इस पर मिलने वाले ब्याज और मूल निवेश के साथ सरकार की गांरटी होती है.इसलिए यह एक सुरक्षित निवेश है.
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट- यह हर भारतीय का मनपंसद निवेश है.
लोग एफडी को सुरक्षित निवेश मानते है .लेकिन सरकार एफडी सहित बैंक की किसी भी बचत पर महज एक लाख रुपए की गारंटी देती है.
सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम -रिटायरमेेंट के बाद लोग इस स्कीम में निवेश को तरजीह देते है. 60 साल से अधिक उम्र के लोग इस योजना में निवेश करतेे हैं
यह योजना पोस्ट ऑफिस या बैंक से ली जा सकती है .परिवक्ता अवधि पांच साल होती हैं इस पर आठ फीसदी से अधिक ब्याज है.इसका भुगतान हर तीन महीने पर होता हैं .
आरबीआई टैक्सेबल बांड -
इसकी परिवक्ता अवधि सात साल होती है .इसे डीमैट रूप मे जारी किया जाता है यह निवेशक के बांड लेजर अकांउट में क्रेडिट होता है .
इसके प्रमाण के तौर पर निवेशक को होल्डिंग सर्टिफिकेट दिया जाता है .
रियल एस्टेट- जहां आप रहते हैैं उसे निवेश मे नही माना जा सकता .
जिसमे आप नही रहते उसे निवेश मान सकते है .हालांंकि इसके साथ दिक्कत यह है कि आप जरूरत पड़ने पर इसे तुंरत बेच नही सकते .
सोना- सोना के साथ सुरक्षा का मुद्दा जुुडा़ हुआ है ,यादि आप ज्वैलरी खरीदते है,तो 6-14 फीसदी तक मेकिंग चार्ज भी लगता है.
स्पेशल डिजाइन पर 25 फीसदी तक मेकिंग चार्ज लग सकता है,आप सोने का सिक्का भी खरीद सकते हैं.
इसका प्रबंधन पेशंन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी करता है .
पब्लिक प्रोविडेंट फंड- पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि होती है.इसलिए इसमे टैक्स -फ्री ब्याज के कंपाउंडिंग का फायदा भी काफी अधिक मिलता है .
इस पर मिलने वाले ब्याज और मूल निवेश के साथ सरकार की गांरटी होती है.इसलिए यह एक सुरक्षित निवेश है.
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट- यह हर भारतीय का मनपंसद निवेश है.
लोग एफडी को सुरक्षित निवेश मानते है .लेकिन सरकार एफडी सहित बैंक की किसी भी बचत पर महज एक लाख रुपए की गारंटी देती है.
सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम -रिटायरमेेंट के बाद लोग इस स्कीम में निवेश को तरजीह देते है. 60 साल से अधिक उम्र के लोग इस योजना में निवेश करतेे हैं
यह योजना पोस्ट ऑफिस या बैंक से ली जा सकती है .परिवक्ता अवधि पांच साल होती हैं इस पर आठ फीसदी से अधिक ब्याज है.इसका भुगतान हर तीन महीने पर होता हैं .
आरबीआई टैक्सेबल बांड -
इसकी परिवक्ता अवधि सात साल होती है .इसे डीमैट रूप मे जारी किया जाता है यह निवेशक के बांड लेजर अकांउट में क्रेडिट होता है .
इसके प्रमाण के तौर पर निवेशक को होल्डिंग सर्टिफिकेट दिया जाता है .
रियल एस्टेट- जहां आप रहते हैैं उसे निवेश मे नही माना जा सकता .
जिसमे आप नही रहते उसे निवेश मान सकते है .हालांंकि इसके साथ दिक्कत यह है कि आप जरूरत पड़ने पर इसे तुंरत बेच नही सकते .
सोना- सोना के साथ सुरक्षा का मुद्दा जुुडा़ हुआ है ,यादि आप ज्वैलरी खरीदते है,तो 6-14 फीसदी तक मेकिंग चार्ज भी लगता है.
स्पेशल डिजाइन पर 25 फीसदी तक मेकिंग चार्ज लग सकता है,आप सोने का सिक्का भी खरीद सकते हैं.
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